2025 में फिर लौटा कोरोना! सरकार की मॉक ड्रिल से जनता की सांसें फूलीं!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। 7 जून 2025 तक भारत में 5755 सक्रिय मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बीते 24 घंटों में 391 नए संक्रमण सामने आए हैं और 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। ये मौतें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु से रिपोर्ट हुई हैं। विशेषज्ञ इसे महामारी की नहीं, स्थायी बीमारी (Endemic) की वापसी मान रहे हैं, लेकिन सतर्कता अब भी जरूरी है।

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राज्यों की स्थिति: केरल बना कोविड हॉटस्पॉट

इस समय केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बन चुका है जहां 127 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद गुजरात में 102, दिल्ली में 73, महाराष्ट्र में 29 और पश्चिम बंगाल में 26 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। हरियाणा, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी संक्रमण बढ़ने लगा है, हालांकि फिलहाल वहां स्थिति नियंत्रण में है।

राज्य नए मामले एक्टिव केस मौतें
केरल 127 ~1200
गुजरात 102 ~650
दिल्ली 73 665 7
महाराष्ट्र 29 577 1
प. बंगाल 26 622
छत्तीसगढ़ 17 41 0
हरियाणा 9 87

सरकार की तैयारी: मॉक ड्रिल से सिस्टम अलर्ट

5 जून 2025 को पूरे देश में अस्पतालों में मॉक ड्रिल करवाई गई। इसका मकसद था यह परखना कि ऑक्सीजन सप्लाई, वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड और ज़रूरी दवाओं की व्यवस्था कितनी मजबूत है। इसके अलावा 2 और 3 जून को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक की।

सरकार की रणनीति है – लॉकडाउन नहीं, लोकजागरूकता जरूरी।

वायरस का बदला रूप: हल्का लेकिन फैलता

विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना अब महामारी नहीं बल्कि स्थायी मौसमी संक्रमण (Endemic virus) बन चुका है। इसका मतलब यह है कि अब यह वायरस समय-समय पर और खास इलाकों में सीमित रूप में उभरता रहेगा।

हालांकि यह पहले जितना गंभीर नहीं है, लेकिन SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) और ILI (इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण) के मामले लगातार मॉनिटर किए जा रहे हैं। पॉजिटिव केसों के जीनोम सीक्वेंसिंग भी करवाई जा रही है ताकि वायरस के नए वैरिएंट्स पर नज़र रखी जा सके।

WHO की राय: खतरा खत्म नहीं, लेकिन कंट्रोल में

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने मई 2023 में कोविड-19 को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से बाहर कर दिया था। अब इसे एक सामान्य मौसमी संक्रमण के तौर पर देखा जा रहा है।

फिर भी WHO का मानना है कि सतर्कता और साफ-सफाई जरूरी है। खासकर सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना, हाथ धोना और लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाना अभी भी आवश्यक है।

याददाश्त भी एंडेमिक हो गई है?

ऐसा लगता है जैसे कोरोना नहीं, बल्कि जनता की याददाश्त एंडेमिक हो चुकी है। मॉक ड्रिल चल रही है, लेकिन लोग इसे मजाक समझ कर नजरअंदाज कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाया जा रहा है – “फिर से मास्क? अब नहीं! हमसे न हो पाएगा” वाला एटीट्यूड वायरस को और पावरफुल बना देता है।

अब लापरवाही नहीं, समझदारी जरूरी

भले ही कोविड-19 अब महामारी नहीं रहा, लेकिन इसकी वापसी एक चेतावनी है। यह हमें याद दिलाता है कि साफ-सफाई, सतर्कता और संवेदनशीलता कभी पुरानी नहीं पड़ती।

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